इस आलेख
को पढ़ने से पहले आपसे आग्रह है, अगर आप उपरोक्त नाम से परिचित नहीं है तो एक बार
गूगल अथवा यूट्यूब पर सर्च करके जान लें क्योंकि बिना उसके आपके लिये ये आलेख
पूर्णतः अर्थहीन है।
संदीप सर जो कि अपने विचारों से लोगों को नयी दृष्टि से जीवन देखना सिखाते
हैं, वो अपने विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिये मुख्यतः यूट्यूब का सहारा लेते
हैं, और विडियो की माध्यम से बहुत ही मनोरंजक शैली में जीवन की गहराई और महत्व
समझाने का प्रयास करते हैं। मेरा सौभाग्य रहा कि पिछले 06 दिसम्बर 2017 को मुझे
उनके लाइव सेशन में जाने का मौक़ा मिला। मैंने जुलाई में उनकी वेबसाइट पर
रजिस्ट्रेशन किया था और फिर संभवतः भूल भी गया था, लेकिन अचानक 04 दिसम्बर को
सुबह-ही-सुबह मुझे मेल आयी कि आप अगर लाइव सेशन में जाना चाहते हैं तो अपनी शीट
बुक करके पास प्राप्त कर सकते हैं। मैंने कर लिया और फिर बहुत उत्साह में समय पर
वहाँ पहुँचा। वहाँ पर करीब 30-35 लड़के-लड़किया और भी थे, ये जानकर कि हम लोग लाखों
में से चुने गये हैं हमारा उत्साह कई गुना बढ़ गया।
सबसे पहले वहाँ हमारे पास चेक हुए फिर हमें एक-एक चॉकलेट दी गयी फिर हम
सब अपनी-अपनी शीट पर बैठे, उसके बाद उनके स्टाफ में हमें थोड़ा समझाया कि अगर सवाल
करना है तो पहले हाथ खड़ा करो फिर सवाल पूछो, और सर बात करते समय एक फ्लो में होते
हैं तो अनावश्यक सवाल न पूछें आदि-आदि। फिर सामने एक स्क्रीन पर ये सूचना जारी हुई
कि हम लोग राष्ट्रगान के लिये खड़े हो जायें, सब लोग अपनी-अपनी जगह खड़े हुए फिर उसी
स्क्रीन पर राष्ट्रगान की धुन बजनी शुरू हुई। ठीक ५२ सेकण्ड बाद हम फिर बैठ गये।
कुछ समय तक उसी स्क्रीन पर संदीप सर के पिछले के सेशन की विडियो क्लिप्स प्रसारित हुई,
जिसकी वजह से हम सब में एक गज़ब की ऊर्जा आ गयी। फिर उसी स्क्रीन पर काउंटडाउन शुरू
हुआ 4, 3, 2, 1.... Please give an
energetic and warm welcome to the one and only one Sandeep Maheshwari... इसके बाद हम 30-35 लोगों ने
जो हजारों लोगों के बराबर की आवाज़ में जो शोर करके सर का स्वागत किया वो शब्दों
में नहीं लिखा जा सकता, साथ ही सर ने बहुत ही तेज और सधे कदमों में कमरे में किया और
सबको पूरी ऊर्जा में गुड-मोर्निंग बोला और फिर सबने एकसाथ वो शब्द कहे जो उनका
तकिया-कलाम है || आसान है || ऐसे करके हमने पूरे माहौल इतना उर्जान्वित कर दिया बस
पूछिये मत, मजा आ गया। उसके बाद सर अपनी कुर्सी पर बैठे फिर पूछा कि बात शुरू करें
कि देखना है सबने बोला देखना है, कुछ देर सबने सर को सिर्फ देखा क्योंकि सबका एक
बहुत बड़ा ख्वाब पूरा हो रहा था। फिर हमने अलग-अलग कई विषयों पर बात-चीत की, इसकी
विस्तृत जानकारी विडियो के माध्यम आपको आगे मिलेगी।
सेशन के समाप्ति पर बहुत-सी लड़कियों ने उनसे आग्रह किया कि एक सेल्फी
लेनी है या हाथ मिलाना है तो उन्होंने एक ग्रुप फोटो खिंचवाई और हमें बताया कि ये
आपको ई-मेल पर आ आयेगी और फिर जल्दी से वहाँ से निकल लिये, सबके साथ फोटो
खिंचवाना, ऑटोग्राफ देना, व्यक्तिगत बातें करते रहना, अपनी प्रशंसा के लिये अनुभव
सुनना उनके व्यवहार में ही नहीं है, अक्सर जब कोई अपना अनुभव बताने के लिये या सर
के विडियो देखने के बाद उनकी जिंदगी में कैसे परिवर्तन आये इन सब विषयों पर चर्चा
का प्रयास करते तो सर बहुत ही संक्षिप्त में बात करके ख़त्म कर देते। वो चाहते थे
कि ज्यादा वक़्त हम प्रश्नोत्तर में बिताये जिससे हमारे समय का सदुपयोग हो सके।
हमारा डेढ़ घंटे का सेशन था और हमें पता ही नहीं चला कब समय समाप्त हो गया, ऐसा लगा
जैसे अभी तो बात शुरू ही हुई थी और अभी ख़त्म। मेरे साथ जितने लोग उनमें से काफी लड़के-लड़कियों
न व्यक्तिगत सवाल किये जबकि सर ने पहले ही बोला था कि आप वो सवाल करें जो आपको
लगता है कि औरों के भी काम का है जिससे एक के पूछने से कई लोगों को उत्तर मिले लेकिन
सब कैमरे में आने के लिये बार-बार सर को टोकते रहते थे फालतू के सवालों की वजह से
हम किसी भी एक विषय पर बहुत विस्तृत बात नहीं कर पाये फिर भी हमने 2-3 विषयों पर
पूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त किया।
अब एक बहुत जरूरी बात जो करने के लिये ही मैं ये लेख लिख
रहा हूँ कि हमारे समाज की एक मनोदशा ये है कि आप जो भी कर रहे हैं
अगर उससे आपको पैसा मिल रहा है, तो ही आप अच्छा काम कर रहे हैं, वरना आप अपना समय
बर्बाद कर रहे हैं। हम भी अक्सर ऐसा ही सोंचते हैं कि अगर कोई अच्छा काम करता है,
तो उससे उसे जरूर कुछ-न-कुछ फायदा होता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है अभी भी कुछ लोग
हैं जो अपने फायदे से पहले औरों के फायदे के बारे में सोंचते हैं। ऐसा ही एक नाम
है संदीप माहेश्वरी सर का। उनका मन्तव्य क्या है वो दिये चित्र में लिखी एक
पंक्ति ("If you have more than
you need, simply share it with those who need it the most.") में स्पष्ट हो रहा है। वो
सिर्फ अपने संघर्ष से प्राप्त अनुभवों को हमारे साथ बाँटना चाहते हैं जिससे हमारा
भला हो और इससे जो आत्म-संतोष उन्हें मिलता है यही उनकी कमाई है। उनके पैसे कमाने
का उद्देश्य तो उनकी कंपनी “इमेजेज बाज़ार” से ही पूरा हो जाता है, उसके लिये
उन्हें सेशन करने की जरूरत नहीं। हमें उनका एहसान मानना चाहिये कि वो अपने कीमती
वक़्त में से कुछ समय निकालकर हमारे साथ अपने विचार साझ करते हैं।
अगर आप भी उनकी सेशन में जाना चाहते हैं तो आप उनकी वेबसाइट (https://www.sandeepmaheshwari.com/) पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर
दीजिये, जब आपके चुने गये शहर में सेशन होगा तो कंप्यूटर द्वारा चुने गये नामों
में से आपका भी नाम हो सकता है, और फिर ई-मेल द्वारा आपको सूचित कर दिया जायेगा।
इस लेख में मैं संदीप के बारे में बहुत विस्तृत नहीं लिख रहा हूँ क्योंकि वो आप
इन्टरनेट पर पढ़ सकते हैं, और उनकी विडियो देख सकते हैं।
संदीप सर निःस्वार्थ भाव
से हमारे लिये अपना वक्त और पैसा खर्च करके सेशन करते हैं आपसे अनुरोध है जो आपकी
नज़र में योग्य हो या आपको लगे कि इसे जरूरत है मार्गदर्शन की तो उसे संदीप सर के
बारे में बतायें आपका यह छोटा-सा प्रयास किसी की जिंदगी बदल सकता है। अगर किसी को संदीप सर के विडियो रुचिकर न लग रहे हों (हालांकि इसकी संभावना लगभग न के बराबर है) तो आप नीचे दिये गये The Mission of Sandeep Maheshwari से डाउनलोड करके उसे ये विडियो दिखायें जो कि सिर्फ चार-पाँच मिनट का है, इसको देखने के बाद अपने-आप ही संदीप सर के सभी सेशन देखने का मन हो जायेगा...आप ये जरूर
करें, क्योंकि ऐसा करना भी
|| आसान है ||
- कुमार आशीष
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