जीवन की आपाधापी तो जीवन भर चलती रहती है,
काम-काज की भीड़ में बस ये काया गलती रहती है।
जीवन कष्टों को आँख दिखा कुछ वक़्त चुराना पड़ता है,
इस समर क्षेत्र में सबकुछ खोकर भी मुस्काना पड़ता है।
काश! आप भी अपने कामों से कुछ वक़्त चुरा लेते,
जन्मदिवस है आज आपका, उसको आज मना लेते।
अद्भुत धैर्य आपके अन्दर जीवन में ठहराव बहुत,
इन्हीं खूबियों से तो मुझको रहता सदा लगाव बहुत।
“पुत्र आपका हूँ” मैं तो बस इस पर ही इतराता हूँ,
और गर्व को शब्दों में लिख गीत कोई रच जाता हूँ।
वरना शब्द अकिंचन हैं ये आपको क्या लिख पायेंगे,
अम्बर से ऊँचा कद जिसका उसको क्या रच पायेंगे।
जियो हजारों साल आप और संग प्यारी मुस्कान रहे,
जन्मदिवस है आज आपका इसे मनाना ध्यान रहे।
आपकी आँखों में भी आया होगा कोई ख्वाब कभी,
छोटा घर और बड़ी गाड़ियों का कोई रुआब कभी।
उन ख्वाबों को धक्के देकर आँखों से था भगा दिया,
और वहीं पर मेरी आँखों के ख्वाबों को सजा लिया।
होकर रुख्सत ख्वाब आपके भटक रहे पर मरे नहीं,
उनकी घोर प्रतीक्षा के दिन शायद अब तक भरे नहीं।
‘उनको वापस लाऊँगा’ ये ही वादा उपहार मेरा,
जन्मदिवस है आज आपका बहुत आपको प्यार मेरा।
- कुमार आशीष
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