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Saturday, September 14, 2019

हिन्दी-दिवस


चित्र : गूगल से साभार 

मुझको आशीष दो इतना उत्साह दो
माँ तुम्ही को सदा मैं यूँ गाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ

आज दिन है तेराऔर तेरा दिवस
क्या समर्पित करूँ मेरा मन है विवश
इसलिए व्यर्थ शब्दों की कविता लिखूं
तुझमे ही मैं लिखूं और तुमको अर्पित करूँ
बन सकूँ न अगर धूल चरणों की तो
तेरी रज को ही माथे लगाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

जब किया आक्रमण उसने दहलीज पर
राजरानी बनी जो थी दासी तेरी
माँ करों अब क्षमा जो भी मैंने किया
जिंदगी की बड़ी भूल थी वो मेरी
अब यही कामना और इतनी विनय
नित नई सोंच दिल में जगाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

थी शुभ घड़ी एक आशा जगी
सन् उनचास में राज्यभाषा बनीं
देश तेरे सहारे चला जा रहा
माँ तुम्हारे लिय ही तो मैं गा रहा
तेरे शब्दों का सागर बहुत है अतुल
शब्द सागर में गागर डुबाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

जब दिवाकर उगे तब अँधेरा मिटे
और इसी मध्य में रोज ऊषा सजे
जिंदगी के सभी रास्ते बंद हों
फिर भी गाऊं अगर तो मेरे छंद हों
चाहे सोने की माला सजा न सकूँ
पर सदा शब्द कंचन सजाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

कोई कविता लिखूं तो वो हाला बनें
मैं जहाँ पर लिखूं मधु की शाला बने
जो कलम है मेरी ये पिलाती रहे
शब्द अंगूर को गुनगुनाती रहे
तेरे महिमा की हाला को प्याले में भर
खुद भी पीता रहूँ और पिलाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

मैं तो अल्पज्ञ हूँ कैसे वर्णन करूँ
किस अलंकार में कौन सा रस भरूं
तेरा आँचल मिले उसकी छाया तले
मेरी कविता खिले मेरी भाषा पले
अब यही है विनय आखिरी पंक्ति में
शब्द दीपों को यूँ ही जलाता रहूँ
हाथ रख दो जरा साथ दो तुम मेरा
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहूँ
मुझको आशीष दो...

आपका अपना

- कुमार आशीष
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2 comments:

  1. बहुत सुन्दर | मैं तो शायद पहली बार आपके ब्लॉग पर पहुंचा हूँ | अब नियमित रूप से पढता रहूंगा आपको | खूब सारी शुभकामनायें

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    1. आपका ह्रदय से स्वागत है सर! आपकी ही प्रेरणा अब नियमित ब्लॉग लिखने का मन है... सहयोग बनाये रखिये मैं पूरी कोशिश करूँगा की ब्लॉग नियमित सक्रिय रहे...आपका इस ब्लॉग पर आना मेरा सौभाग्य है.. बहुत-बहुत आभार बहुत सम्मान आपको...

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