झालीधाम मुख्य मन्दिर |
श्री पृथ्वीनाथ महादेव मन्दिर से महज 500 मीटर की दूरी पर ये सुन्दर और शान्ति स्थान है, जिसका नाम है झालीधाम। यहां स्वामी राममिलन दास आश्रम के संत थे। गोंडा बहराइच सीमा पर स्थित मुंडेरवा सरहदी गांव के रहने वाले स्वामी राममिलन दास वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि में जन्म लिया। प्रारम्भ से ही भगवान के प्रेम में लीन सदा प्राणियों के कल्याण हेतु 11 वर्ष की आयु में उपनयन करा कर अयोध्या धाम में दीक्षा ग्रहण कर लगातार 21 वर्ष तक ब्रह्मलीन गुफा में ईश्वर से आत्मसात किया। श्री दास ने ईश्वर की असीम अनुकंपा से दिव्य ज्ञान प्राप्त कर वानप्रस्थ आश्रम बेल चकरा झाली नामक स्थान का चयन कर जनकल्याण करके आत्म शक्ति के बल पर आषाढ़ शुक्ल पक्ष 20 जून 1977 को शरीर त्याग कर ब्रह्मलीन महाप्रयाण प्राप्त किया। इनके पार्थिव शरीर को असंख्य साधु-संतों तथा भक्तों ने संकीर्तन के साथ अयोध्या धाम स्थित सरयू जी में विसर्जित किया। ब्रह्मलीन स्वामी राममिलन दास महाराज के पद चिन्हों पर चलकर उनके स्थान पर स्वामी नरसिंह दास जी महाराज ने जन कल्याण के लिए झाली धाम आश्रम को पर्यटन स्थल घोषित कराने में महती भूमिका अदा की। बताया जाता है कि दशकों से शुरू हुआ यहां अक्षय नवमी के अवसर पर परिक्रमा तथा मेले में देवीपाटन मंडल के विभिन्न जिलों सहित दूरदराज के बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर परिक्रमा कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
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