एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग |
युगों के बाद खरगूपुर के राजा मानसिंह की अनुमति से यहाँ के निवासी श्रीपृथ्वीनाथ सिंह ने अपने मकान निर्माण के लिए यहाँ खुदाई शुरू करवा दी। उसी रात श्रीपृथ्वीनाथ सिंह को स्वपन में पता चला कि इसी टीले के नीचे सात खण्डों का शिवलिंग दबा हुआ है, उन्हें एक खण्ड तक शिवलिंग खोजने का निर्देश हुआ। उन्होंने वैसा ही किया और एक खण्ड तक शिवलिंग खोजने के बाद वहाँ पूजा-अर्चना शुरू करवा दी। कालान्तर में उन्हीं के नाम से इस मन्दिर का नाम “श्री पृथ्वीनाथ महादेव” मन्दिर हो गया।
जनपद गोण्डा मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित काले पत्थरों से बने 5 फीट ऊँचे इस अद्भुत शिवलिंग को लेकर पुरातत्व विभाग का दावा है कि ये ये एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है जो कि लगभग 5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल का है। इस शिवलिंग की बनावट ऐसी है कि यहाँ हर किसी को ऐड़ी उठाकर ही जल चढ़ाना पड़ता है। शिव भक्तों की श्रद्धा का प्रमुख केन्द्र माना जाने वाला ये स्थान बहुत ही शांत और सुरम्य है। वैसे तो यहाँ वर्ष भर श्रद्धालु आते रहते हैं परन्तु सावन, शिवरात्रि, कजरीतीज आदि त्यौहारों पर यहाँ लाखों की संख्या में लोग पहुँचते हैं।
कैसे पहुँचे:
इस मन्दिर के आसपास रुकने के लिए कोई होटल इत्यादि नहीं है। इसलिए बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए गोण्डा में रुकना ही अच्छा रहता है। गोण्डा में कई होटल हैं जहाँ आप बहुत कम पैसों में रुक सकते हैं। यहाँ से लगभग 30 किलोमीटर कि दूरी पर ये मन्दिर है। गोण्डा से मन्दिर तक जाने के लिए आपको टैक्सी इत्यादि आसानी से मिल जायेगी।
गोण्डा तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से आप लखनऊ से सीधे गोण्डा बस अड्डे की बस ले सकते हैं। लखनऊ के अलावा भी कई अन्य महानगरों से गोण्डा के लिए बस इत्यादि की सुविधा है।
यदि आप वायु मार्ग से आना चाहते हैं तो आपको नजदीकी एअरपोर्ट श्री चौधरी चरण सिंह अमौसी एअरपोर्ट लखनऊ पहुँचना हैं, वहाँ से टैक्सी या बस से गोण्डा पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग से आने वाले लोग गोण्डा जंक्शन के लिए ट्रेन पकड़े। देश के तमाम शहरों से गोण्डा जंक्शन तक सीधी रेल सेवा उपलब्ध है। गोण्डा जंक्शन से शहर की दूरी महज 3 किलोमीटर है।
श्री पृथ्वीनाथ महादेव मन्दिर |
- कुमार आशीष
भोपाल के पास भोजपुर का शिवलिंग 21.5 फुट ऊँचा है । फिर इसे किस आधार पर एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग बताया जा रहा है ?
ReplyDeleteसर! जो जानकारी इस लेख में है वो सब इन्टरनेट के माध्यम से और कुछ वहाँ की स्थानीय जनता के माध्यम से प्राप्त हुई है। वहाँ के लोगों के अनुसार पुरातत्व विभाग का दावा है कि ये शिवलिंग कुल सात खण्डों में हैं, जिसका एक खण्ड ही हमें दिखता है जो (जिसका चित्र आप ऊपर देख पा रहे हैं)। इस एक खण्ड की ऊँचाई 5 फीट है, और इस तरह के छः खण्ड धरती के अन्दर हैं, तो उनको भी मिला लें तो ये शिवलिंग 5 फीट ऊपर और 30 फीट धरती के अन्दर है। इस हिसाब से इसकी कुल ऊँचाई 35 फीट होती है। इसीलिए इसे सबसे ऊँचा शिवलिंग कहा जाता है।
Deleteये जानकारी भी इन्टरनेट पर उपलब्ध है, बाकी वहाँ पर आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि करने वाला शिलापट्ट या पुरातत्व विभाग का कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। लेकिन भारत डिस्कवरी डॉट ओआरजी एक विश्वशनीय वेबसाइट है वहाँ तो इसे विश्व का सबसे ऊँचा शिवलिंग कहा गया है। अन्य कई जगह भी इसे विश्व का सबसे ऊँचा और कुछ जगह एशिया का सबसे ऊँचा शिवलिंग लिखा गया है। विभिन्न माध्यमों में गोण्डा की ऑफिसियल वेबसाइट के पर्यटन जानकारी में इसे विश्व का सबसे ऊँचा शिवलिंग लिखा गया है।
आभार...