लेखक - डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
फॉर्मेट - पेपरबैक
पृष्ठ संख्या - 144 पेज
मूल्य - ₹105
प्रकाशक - प्रभात प्रकाशन
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इससे पहले कि मैं पुस्तक के विषय में कुछ लिखूँ आपका ध्यान कवर की तरफ आकर्षित करना चाहूँगा। इस पुस्तक की भूमिका देश के भूतपूर्व प्रधानमन्त्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लिखी है। वे स्वयं भी लोकप्रिय राजनेता के साथ-साथ बहुत शानदार कवि थे। ये पुस्तक डॉ. अब्दुल कलाम जी की तमिल और अंग्रेजी कविताओं का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक में कविताओं के साथ-साथ उसकी विषयवस्तु और किस परिस्थिति में उनकी रचना हुई वो भी बताया गया है। डॉ. कलाम ने जीवन की तमाम घटनाओं को कविता में ढाला है, इसीलिए हर कविता से आप स्वयं का जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। सभी कविताओं में जिस तरह के हिन्दी शब्दों का चयन किया है उसके लिए अनुवादक (श्री अरुण तिवारी जी और राकेश शर्मा जी) की और उपमाओं को जिस शानदार तरीके और नयेपन के साथ प्रयोग किया गया है उसके लिए डॉ. कलाम साहब की जितनी तारीफ़ की जाये कम होगी। डॉ. कलाम की रचना है तो सबसे बड़ी ख़ासियत यही है कि इसकी हर कविता में एक सन्देश है जो आदर्श जीवन की प्रेरणा देता है। उनका तो पूरा जीवन जी अनुकरणीय है और उसी का प्रतिबिम्ब उनकी रचनाएँ भी होती हैं। उनकी दो पुस्तकें “अग्नि की उड़ान” और “मेरी जीवन यात्रा” मैं पहले ही पढ़ चुका हूँ। अब “जीवन वृक्ष” पढ़ते हुए पिछली दोनों पुस्तकों में वर्णित कई घटनाओं का पद्य रुपान्तरण पढ़ने का आनन्द प्राप्त हुआ है। जीवन वृक्ष में कुल 49 कविताएँ हैं और ये कह पाना कि कौन-सी सबसे अच्छी है मेरे लिए तो लगभग असम्भव ही है। उनकी पहली कविता का शीर्षक है “तरूणाई” उसकी एक पंक्ति है “मैं महसूस करता हूँ कि छोटा लक्ष्य रखना एक अपराध है” ऐसे ही एक कविता जिसका शीर्षक “आँसू” है, उसकी एक पंक्ति है “ये आँसू ही तुमको बनायेंगे महान्” इसी तरह इसमें हर कविता बहुत उम्दा और प्रेरणादायक है। मैं जीवन चक्र को समझने के लिए जीवन वृक्ष को अवश्य पढ़ने का सुझाव दूँगा।
इस पुस्तक की प्रिटिंग क्वालिटी प्रभात प्रकाशन की अन्य पुस्तकों की तरह ही बढ़िया है। इसका कवर भी बहुत सुन्दर है जिस पर लगी हुई डॉ. कलाम की तस्वीर (साभार) राष्ट्रपति भवन से ली गयी है। इसके आलावा जो इस पुस्तक के अन्दर के पेज हैं उसमें प्रत्येक के दाहिने तरफ फूलों जैसी चित्रकारी की गयी है जो इस पुस्तक को अनायास ही बहुत आकर्षक बनाते हैं। डॉ. अब्दुल कलाम जी के साथ-साथ पण्डित श्री अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी जी की भूमिका लेखन वाली इस पुस्तक के एक बार अवश्य पढ़ें।
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