लेखक - डॉ. कुमार विश्वास
फॉर्मेट - पेपरबैक
पृष्ठ संख्या - 176 पेज
मूल्य - ₹159
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन
खरीद - Amazon (Buy Now)
‘डॉ. कुमार विश्वास’ कवि का नाम ही इतना महत्त्वपूर्ण है कि पुस्तक के नाम का महत्व कुछ कम हो जाता है। लोग इनकी पुस्तक को उसके नाम से नहीं बल्कि रचनाकार के नाम से ही खरीदना और पढ़ना चाहेंगे। कुमार सर की एक और पुस्तक मैंने पढ़ी है “कोई दीवाना कहता है”- मुझे “फिर मेरी याद” में पिछली बार की अपेक्षा कुछ कम गीत लग रहे हैं, और सबसे ख़ास बात ये है कि उनकी एक रचना है “फिर मेरी याद आ रही होगी, फिर वो दीपक बुझा रही होगी..., इसकी कमी बहुत ज्यादा लगी। मेरे हिसाब से इस रचना को तो जरूर इस पुस्तक में होना चाहिए था। खैर, इसमें बाक़ी रचनाएँ बहुत कमाल की है। इसमें विशेषतः मुक्तक, क़ता और आज़ाद अशआर जो हैं वो इसकी उपयोगिता बढ़ा देते हैं। कुछ विशेष रचनाएँ जो मुझे ज्यादा पसन्द आयी उनकी सूची इस प्रकार है:-
- तुम से कौन कहेगा आकर?
- चंदा रे! गुस्सा मत होना!
- वंश नहीं चलता कान्हा
- सार्त्र!
- लाख भीगे ज़मीन का आँचल
- जब छुआ साथ तुलसी चौरा
- बोलो रानी क्या नाम करूँ?
पुस्तकों की सूची पर वापस जाने के लिए यहाँ क्लिक करें।
No comments:
Post a Comment